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कासगंज: जिलाधिकारी मेधा रूपम की अध्यक्षता में रूद्राक्ष सभागार कलेक्ट्रेट में प्रमोशन ऑफ एग्रीकल्चरल मैकेनाजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेन्ट ऑफ क्राप रेज्ड्यू (सी०आर०एम०) योजनान्तर्गत गोष्ठी का आयोजन किया गया, आयोजन में कृषि विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के बारे में बताया गया कि जनपद स्तर पर जागरूकता अभियान, न्याय पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान, परमानेन्ट होर्डिग तहसील व विकास खण्ड स्तर पर किया जाये। फसल अवशेष का कम्पोस्ट बनाने के लिए कृषकों को बायो वेस्ट डिकम्पोजर का शीघ्र ही निःशुल्क वितरण किया जायेगा। प्रचार वाहन पराली प्रभावित क्षेत्रों में, धान की कटाई के समय कम्बाइन हार्बेस्टर मशीन में सुपर स्ट्रा मैनेजमेन्ट सिस्टम लगाया जायंे। अथवा कटाई के बाद फसल अवशेष प्रबन्धन के कृषि यंत्रों का प्रयोग में किया जाये अथवा फसल को अन्य कार्याें जैसे पशु चारा, कम्पोस्ट खाद बनाने, बायों कोल आदि में उपयोग हेतु कृषकों को प्रेरित किया जाये। दो एकड से कम क्षेत्र के लिए रू0 2500 अर्थदण्ड, दो से पांच एकड क्षेत्र के लिए रू0 5000 अर्थदण्ड, पांच एकड से अधिक क्षेत्र के लिये रू0 15000 तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली के निर्देश है।
उपनिदेशक कृषि द्वारा अवगत कराया गया की फॉर इन.सीटू योजनान्तर्गत यंत्र वितरण भारत सरकार द्वारा संचालित फसल अवशेष प्रबन्धन की योजना के अन्तर्गत एफ0पी0ओ, ग्राम पंचायत द्वारा 30 लाख तक लागत के फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना हेतु 80 प्रतिशत अनुदान देय है एवं व्यक्तिगत यन्त्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान देय है। फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हैपी सीडर, सुपर सीडर, पैडी स्ट्रा चोपर, मल्चर, रोटरी स्लैसर, श्रेडर, श्रव मास्टर, हाइड्रोलिक रिवर्सिबल मोल्ड बोर्ड प्लाऊ, जीरो टिल सीड कम फर्टी लाइजर ड्रिल, बेलिंग मशीन, स्ट्रा रेक, रीपर, रीपर कम वाइण्डर, स्मार्ट सीडर आदि यन्त्र है।
कृषकांे के खेतों से पराली प्रबन्धन संग्रह कर निराश्रित गौशालाओं में लाने हेतु प्रेरित किया जायें। ग्रास स्तर पर खाद के गड्डो के माध्यम से पराली फसल प्रबन्धन हेतु वायु प्रदूषण को घटायें एवं कृषकों का जागरूक करें। फसल अवशेष न जलाये मृदा में कार्बनित पदार्थ बढ़ाये।
जनपद स्तर पर अपर जिलाधिकारी (वि0रा0) की अध्यक्षता में सेल का गठन किया जाता है। उक्त सेल फसल की कटाई से रबी की बुबाई तक आवश्यकता मानीटरिंग की कार्यवाही सुनिश्चित करेगी। प्रत्येक विकास खण्ड तहसील स्तर पर संबंधित उपजिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में सचल दस्ते का गठन किया जाता है एवं प्रत्येक विकास खण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में सचल दस्ते का गठन किया जाता है। समस्त थाना प्रभारी अपने क्षेत्र में फसल अवशेष को जलने से रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करें तथा किसी भी दशा में फसल को न जलने दें। प्रत्येक गॉव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल की जिम्मेदारी होगी कि अपने क्षेत्र में फसल अवशेष जलने की घटनायें विल्कुल नही होने दें। अन्यथा उनके विरूद्ध कार्यवाही की जायेंगी।