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अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि सीबीआई मानव तस्करी नेटवर्क में कथित संलिप्तता के लिए तीन आरोपियों के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस की मांग करेगी। इन आरोपियों ने मास्को में आकर्षक रोजगार के अवसरों की आड़ में भारतीयों को रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में धकेला था।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी कथित हवाला ऑपरेटर रमेश कुमार पलानीसामी, मोहम्मद मोइनुद्दीन चिप्पा (दोनों के रूस में होने का अनुमान है) और फैजल अब्दुल मुतालिब खान (जो संयुक्त अरब अमीरात में है) को हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है ताकि साजिश का खुलासा हो सके।

इंटरपोल रेड नोटिस 196 सदस्य देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों से अनुरोध है कि वे प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई लंबित रहने तक किसी व्यक्ति का पता लगाएं और उसे अस्थायी रूप से गिरफ्तार करें। सीबीआई तीनों आरोपियों को कानूनी कार्रवाई का सामना करने और जांच में शामिल होने के लिए प्रत्यर्पित करना चाहती है।

सीबीआई ने मार्च में देश भर में संचालित प्रमुख मानव तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो कथित तौर पर भारतीय युवकों को आकर्षक विदेशी नौकरी दिलाने के नाम पर रूस-यूक्रेन युद्ध मोर्चे पर धकेल रहे थे।

एजेंसी ने 24×7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन, केजी मार्ग और इसके निदेशक सुयश मुकुट, ओएसडी ब्रोस ट्रैवल्स एंड वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई और इसके निदेशक राकेश पांडे, एडवेंचर वीजा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, चंडीगढ़, पंजाब और इसके निदेशक मंजीत सिंह, बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, दुबई और इसके निदेशक फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ ​​बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

सीबीआई द्वारा जांच की गई कार्यप्रणाली से पता चला है कि दुबई स्थित फैजल अब्दुल मुतालिब खान ने कथित तौर पर अपने यूट्यूब चैनल का इस्तेमाल भारतीयों को रूसी सेना में सुरक्षा गार्ड या सहायक के रूप में नौकरी दिलाने के लिए किया था, जिसमें उन्हें बेहतर जीवन, मोटी तनख्वाह आदि का वादा किया गया था, जबकि नौकरी की प्रकृति के बारे में उन्हें कुछ नहीं बताया गया था।

केंद्रीय जांच एजेंसी, जिसने पिछले तीन महीनों में पीड़ितों की संख्या की जांच की है, को पता चला है कि खान ने इच्छुक उम्मीदवारों को मोहम्मद सूफियान और पूजा का नंबर दिया था।

दम्पति ने कथित तौर पर अभ्यर्थियों से बाबा व्लॉग्स, सूफियान, मोइनुद्दीन छीपा और सादिक छीपा के खातों में धन जमा करने तथा अपना पासपोर्ट कॉस्मो ट्रैवल्स प्राइवेट लिमिटेड को सौंपने को कहा, जिसने इस वादे पर उनके लिए पर्यटक वीजा की व्यवस्था की कि इसे कार्य वीजा में परिवर्तित कर दिया जाएगा।

नौकरी चाहने वाले इन लोगों को चेन्नई एयरपोर्ट पहुंचने के लिए कहा गया, जहां उनके पासपोर्ट उन्हें सौंप दिए गए। इसके बाद उन्हें मॉस्को में रहने वाले निजिल जोबी बेनसम और रमेश कुमार पलानीसामी के संपर्क नंबर दिए गए। सीबीआई के निष्कर्षों के अनुसार, दोनों ने रूस में उम्मीदवारों को प्राप्त किया और उन्हें वहां एक घर में रखा।

सीबीआई ने पाया है कि इन पीड़ितों से “धोखे से” रूसी सेना के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर करवाए गए और उन्हें रूस-यूक्रेन युद्ध क्षेत्र में भेजने के लिए सौंप दिया गया।

रूस में मोइनुद्दीन ने पीड़ितों को युद्ध क्षेत्र में न भेजने के एवज में उनसे पैसे भी वसूलना शुरू कर दिया।

उन्होंने बताया कि एजेंसी को ऐसे 35 मामले मिले हैं, जिनमें युवाओं को यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया चैनलों तथा स्थानीय संपर्कों और एजेंटों के माध्यम से रूस में उच्च वेतन वाली नौकरियों का लालच देकर वहां ले जाया गया।

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है, “उन्हें लड़ाकू भूमिकाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा था और रूसी सेना की वर्दी और बैच प्रदान किए जा रहे थे। इसके बाद, इन भारतीय नागरिकों को उनकी इच्छा के विरुद्ध युद्ध क्षेत्र में अग्रिम ठिकानों पर तैनात किया जा रहा है और उनकी जान को गंभीर खतरे में डाला जा रहा है।”